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ऐस्केलमिंथीज संघ


ऐस्केलमिंथीज प्राणी अनुप्रस्थ काट गोलाकार होता है इसलिए इसे गोलकृमि (राउंडवॉर्म) कहा जाता है। ऐस्केलमिंथीज स्वतंत्र, जलीय और स्थलीय या पौधों और प्राणियों में परजीवी हो सकता है। ऐस्केलमिंथीज द्विपक्षीय रूप से सममित, त्रिकोरकी (ट्रिपलोब्लास्टिक) और कूटप्रगुही (स्यूडोकोइलोमेट) प्राणी हैं। राउंडवॉर्म में शरीर का संगठन अंगतंत्र स्तर का होता है।

आहारनाल पूर्ण होती है जिसमे सुपरिवर्धित पेशीय ग्रसनी होती है। एक उत्सर्जन नाल शरीर से अपशिष्टों को उत्सर्जन रंध्र के द्वारा बाहर निकालती है।

नर एवं मादा होते हैं। अक्सर मादा नर की तुलना में लंबी होती हैं। निषेचन आंतरिक होता है और विकास प्रत्यक्ष हो सकता है (शिशु वयस्क के समान ही दिखते हैं) या अप्रत्यक्ष (लार्वा अवस्था द्वारा)।

उदाहरण: एस्केरिस (राउंडवॉर्म), वुचेरेरिया (फाइलेरिया कृमि ), एनसाइलोस्टोमा (हुकवर्म)।

संगठन का स्तर : अंगतंत्र

समरूपता : द्धिपार्श्व

गुहा (Coelom) :कूट प्रगुही

श्वसन प्रणाली : अनुपस्थित

पाचन तंत्र :पूर्ण

परिसंचरण तंत्र : अनुपस्थित

गोलकृमि (मादा)गोलकृमि (नर)

गोलकृमि मादा

गोलकृमि  नर