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एनेलिडा शब्द लैटिन शब्द एनलस से लिया गया है जिसका अर्थ है सूक्ष्म वलय।

वे जलीय या स्थलीय, स्वतंत्र जीव और कभी-कभी परजीवी हो सकते हैं।

वे अंग-तंत्र स्तर के संगठन प्रदर्शित करते हैं तथा द्धिपार्श्व सममिति होते है।

वे ट्रिपलोब्लास्टिक, मेटामेरिकली सेगमेंटेड और कोइलोमेट जीव होते हैं।

उनके पास अनुदैर्ध्य और गोलाकार पेशियां होती हैं जो चलन में सहायक होती हैं।

नेरिस जैसे जलीय एनलिड्स में पार्श्व उपांग, पैरापोडिया होते हैं, जो तैरने में मदद करते हैं।

एक बंद परिसंचरण तंत्र उपस्थित होता है। नेफ्रिडिया परासरण और उत्सर्जन में मदद करता है।

तंत्रिका तंत्र में युग्मित गैन्ग्लिया होते हैं जो पार्श्व तंत्रिकाओं द्वारा दोहरे उदर तंत्रिका कॉर्ड से जुड़े होते हैं।

नेरिस, एक जलीय रूप, द्विअंगी होता है, लेकिन केंचुए और जोंक एकरस होते हैं।

जनन लैंगिक विधि द्वारा होता है।

संगठन का स्तर : अंगतंत्र

समरूपता : द्धिपार्श्व

गुहा (Coelom) :प्रगुही

श्वसन प्रणाली : अनुपस्थित

पाचन तंत्र :पूर्ण

परिसंचरण तंत्र : उपस्थित

उदाहरण: नेरीस, फेरेटिमा (केंचुआ) और हिरुडिनेरिया (रक्त चूसने वाली जोंक)।

नेरीस केंचुआहिरुडिनेरिया
Nereis Nereis Hirudinaria