पादप जीवन चक्र तथा संतित या पीढ़ी-एकांतरण
पौधों, शैवाल और कवक में पीढ़ी-एकांतरण समान है। पादप जीवन चक्र तथा संतित या पीढ़ी-एकांतरण पौधों में अगुणित तथा द्विगुणित कोशिकाएँ माइटोसिस द्वारा विभाजित होती हैं। इसके कारण विभिन्न काय, अगुणित और द्विगुणित बनते है। अगुणित पादपकाय माइटोसिस (समसूत्री विभाजन) द्वारा युग्मक बनाता है। यह पादपकाय एक गैमेटोफाइट का प्रतिनिधित्व करता है।
निषेचन के बाद युग्मक (जाइगोट) भी माइटोसिस द्वारा विभाजित होकर द्विगुणित स्पोरोफाइटिक पादपकाय बनाता है। इस पादपकाय में मिआँसिस द्वारा अगुणित बीजाणु उत्पन्न होते हैं। ये अगुणित बीजाणु माइटोसिस विभाजन द्वारा एक बार फिर से अगुणित पादपकाय बनाते है। इस प्रकार किसी भी लैंगिक जनन करने वाले पौधे के जीवन चक्र के दौरान युग्मको, जो अगुणित गैमेटोफाइट बनाते है और जो बीजाणु , द्विगुणित स्पोरोफाइट बनाते है, के बीच संतति या पीढ़ी-एकांतरण होता है।
पीढ़ी-एकांतरण के चरण
1. द्विगुणित स्पोरोफाइट में एक संरचना होती है जिसे स्पोरैंगियम कहा जाता है।
2. स्पोरैंगियम अर्धसूत्रीविभाजन से गुजरता है और अगुणित बीजाणु बनाता है।
3. बीजाणु एक गैमेटोफाइट में विकसित होता है जो प्रकृति में अगुणित होता है।
4. गैमेटोफाइट में प्रजनन अंग होते हैं जो अगुणित युग्मक बनाने के लिए माइटोसिस से गुजरते हैं।
5. युग्मकों को एक अगुणित युग्मनज बनाने के लिए निषेचित किया जाता है जो एक परिपक्व स्पोरोफाइट में परिपक्व होता है।